Type Here to Get Search Results !

डीडीए ने तोड़ी कस्तूरबा नगर कॉलोनी 25 परिवारों को बेघर कर डाला डीडीए ने

0

डीडीए ने तोड़ी कस्तूरबा नगर कॉलोनी 25 परिवारों को बेघर कर डाला डीडीए ने



सुप्रीम कोर्ट ने केवल 7 दिन के लिए दी राहत और डीडीए को पुनर्वास पर नोटिस दिया


पिछले वर्ष 2022 मैं डीडीए ने कस्तूरबा नगर के निवासियों को घर खाली करने हेतु एक नोटिस जारी किया उसके पश्चात कस्तूरबा नगर के निवासियों ने मिलकर एक मामला दिल्ली हाईकोर्ट में दाखिल किया। इस मामले के परिणाम स्वरूप कस्तूरबा नगर के लोगों को स्टे के रूप में राहत मिली। जब यह मामला अंतिम रूप ले रहा था तो कोर्ट का आदेश डीडीए के फेवर में आया। 



कस्तूरबा नगर के निवासियों ने फिर से दिल्ली हाई कोर्ट की डबल बेंच में यह मामला दाखिल किया जहां कस्तूरबा नगर को राहत नही मिली। इधर डीडीए ने दिनांक 18 मई 2023 को एक नोटिस जारी किया तथा उसमें 21 मई 2020 तक घर खाली करने का आदेश दिया साथ ही लोगों को दिल्ली के शेल्टर होम में आश्रय देने की बात की



मजदूर आवास संघर्ष समिति के कन्वेनर निर्मल गोराना अग्नि ने बताया कि कस्तूरबा नगर रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन बनाम एनसीटी ऑफ दिल्ली के नाम से एक एसएलपी आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के लिए लगी हुई थी इसको लेकर एडवोकेट विनोद एवं निर्मल गोराना डीडीए के अधिकारियों के पास पहुंचे कि आप थोड़ा इंतजार करें क्योंकि मैटर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के लिए लगा हुआ है किंतु डीडीए के अधिकारियों ने बिना परवाह एवं देरी किए तीन बुलडोजर लेकर तकरीबन 25 परिवारों के घरों को तोड़ दिया गया। निर्मल अग्नि ने आगे बताया कि जब सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में 7 दिन के लिए तोडफोड़ न करने के आदेश दिया और यह जानकारी जैसे ही डीडीए के आला अधिकारियों को मौके पर दी गई तो वह सुनने को राजी नहीं थे बड़ी मशक्कत के बाद जब निर्मल गोराना बुलडोजर की तरफ भागे और बुल्डोजर रुकवाया। निर्मल गोराना ने पुलिस पर आरोप लगाया कि पुलिस ने उनके साथ धक्का-मुक्की की है। सुप्रीम कोर्ट ने बताया की वो हाई कोर्ट के आदेश में कोई इंटरफेयर नही करेंगे किंतु कोर्ट ने डीडीए को पुनर्वास के संबंध में नोटिस जारी किया।


 कस्तूरबा नगर निवासी बलजीत सिंह ने बताया कि डीडीए 25 घरों को बेदखल करके चला तो गया किंतु आज रात में इनके भोजन एवं आश्रय का प्रबंध कहां पर होगा क्योंकि यह तमाम परिवार अपने घर के सामान को लेकर रेन बसेरे

( शेल्टर होम ) में नहीं जा सकते हैं । शेल्टर होम के अधिकारी एवं कर्मचारी इन्हें इनका सामान लेकर रेन बसेरे में घुसने नहीं दे रहे हैं। 


जबरन बेदखली के शिकार अशोक कुमार ने बताया कि वह ऑटो चालक है तथा उनके चार बच्चे हैं आज की रात अगर बारिश हो गई तो सिर छुपाने के लिए उनके पास कोई जगह नहीं है। सरकार ने तो 2022 तक घर देने को कहा था पर हमसे सरकार ने घर छीन लिया

बलवंत कौर नाम की महिला ने बताया कि वह एकल नारी है और उसका बच्चा बहुत बीमार है वृद्धावस्था में वह अपने बच्चे को लेकर कहां जाएगी

सतपाल सिंह जो की एक पल्लेदार हैं और अपने भाई के साथ ही रह रहे थे। उनका कहना था कि हम सभी केंद्र एवं राज्य की सरकार के बीच की रंजिश के शिकार हो गए वरना यह हालत नही होती

मानवाधिकार अधिवक्ता विनोद कुमार सिंह ने बताया की सरकार को तत्काल सभी बेदखल परिवारों को पुनर्वास देने हेतु योजना बनाकर पुनर्वासित करना चाहिए। गरीब मजदूर परिवारों को जबरन बेदखली ना करके सम्मानजनक तरीके एवं व्यवस्थित रूप से बसाना चाहिए

निर्मल गोराना ने आकर बताया कि DDA पूरे दिल्ली पर बेदखली को लेकर अपनी मनमानी कर रहा है और बिना पुनर्वास के बेदखली कर रहा है जिस पर कोर्ट को भी संवेदनशील तरीके से सोचने की जरूरत है। 


निर्मल गोराना अग्नि

कन्वेनर

मजदूर आवास संघर्ष समिति

9899823256

Post a Comment

0 Comments