अर्बन कंपनी वर्कर्स के साथ हो रहे अत्याचार के खिलाफ सैकड़ो अर्बन कंपनी वर्कर्स ने जंतर मंतर पर कंपनी और केंद्र सरकार के खिलाफ किया धरना प्रदर्शन
*गीग वर्कर्स के लिए केंद्रीय कानून एवं बोर्ड की मांग*
आज दिनांक 11 अक्टूबर 2023 दिन बुधवार को अर्बन कंपनी वर्कर्स के साथ हो रहे अत्याचार के खिलाफ सैकड़ो अर्बन कंपनी वर्कर्स ने दिल्ली के जंतर मंतर पर कंपनी और केंद्र सरकार के खिलाफ धरना प्रदर्शन किया गया जिसका आयोजन मेहनतकश एसोसिएशन ने किया। इस धरने को समर्थन देने नेशनल कैंपेन कमिटी फॉर इरेडिकेशन ऑफ बॉन्डेड लेबर, घरेलू महिला कामगार यूनियन, शेल्टर होम वर्कर्स यूनियन, गिग वर्कर्स एसोसिएशन,अमेजॉन इंडिया वर्कर्स एसोसिएशन के प्रतिनिधि भी पहुंचे।
*नेशनल कैंपेन कमिटी फॉर इरेडिकेशन ऑफ बॉन्डेड लेबर* के कन्वेनर निर्मल गोराना अग्नि ने बताया कि आज देश आजाद है पर मजदूरों को आजादी नहीं है! किसी भी कंपनी का वर्कर दिन रात मेहनत करता है और उसकी मेहनत के बल पर वह कंपनी देश और दुनिया में नाम कमाती है, मुनाफे कमाती है लेकिन जब वर्कर अपने काम का दाम मांगता है तो उसके साथ गुलाम जैसा व्यवहार होता है! वर्तमान आजादी के दौर में मजदूरों के लिए यह नए तरीके की आधुनिक गुलामी है!अर्बन कंपनी का मालिक वर्कर्स के बल पर करोड़ों का मुनाफा कमा रहा है, अर्बन कंपनी के वर्कर्स को पार्टनर बता रहा है, मुनाफे का हिस्सा दिए बगैर उनको वर्कर का दर्जा भी नहीं दे रहा है। इस आजादी के दौर में नए तरीके से बधुआ मजदूरी का मामला है और ऐसा बिल्कुल नहीं चलेगा ! उन्होंने बताया कि जब तक एक केंद्रीय स्तर पर कानून नहीं बनाया जाता और उसको लागू नहीं किया जाता तब तक अर्बन कंपनी वर्कर के साथ-साथ तमाम App Based वर्कर के साथ न्याय संभव नहीं है !
हम सभी लोग एक साथ मिलकर इस अत्याचार के खिलाफ अंतिम सांस तक लड़ेंगे!
मेहनतकश एसोसिएशन की सीमा सिंह जी बताया कि हमारी लड़ाई आत्मसम्मान की लड़ाई है! हम जब भी किसी भी घरों में सेवा देने जाते हैं तो हमको हीन दृष्टि से देखा जाता है। हमसे सेवा लेने के बाद हमे नीचा मानकर हमारे साथ भेदभाव करना फिर गुलाम की भांति बाते सुनाना और अंत में रेटिंग में नकारात्मक नंबर देना अन्याय है। कंपनी कस्टमर रिस्पांस के आधार पर हमारी बात बिना सुने हमारी आईडी को जबरन ब्लॉक कर देती है जो की हमारे साथ अत्याचार है। इस गैर बराबरी का हम विरोध करने जंतर मंतर आए है।
अर्बन कंपनी वर्कर गुंजन ने बताया की प्रोडक्ट की जबरन स्कैनिंग करवाकर हमे सताया जा रहा है।
गिग वर्कर इंद्रजीत ने बताया की राजस्थान की तर्ज पर केंद्र की सरकार कानून बनाकर गीग वर्कर्स को न्याय दे सकती हैं।
एडवोकेट अमरजीत ने भारत के प्रधानमन्त्री को दिए गए ज्ञापन में लिखित मांगो को बताते हुए कहा की केंद्र की सरकार की ओर से सहयोग किए बिना अर्बन कंपनी इतने बड़े स्तर पर श्रमिक कानूनों का हनन नहीं कर सकती। सरकार को तत्काल संज्ञान लेने की जरूरत है।
प्रदर्शनकारियों ने प्रधानमंत्री के नाम एक विज्ञापन भी दिया जिसकी मांगे निम्न प्रकार हैं -
1. गिग वर्कर्स के अधिकारों की सुरक्षा के लिए कानून और नीति बनाने और गिग वर्कर्स को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने के लिए एक बोर्ड का गठन किया जाए।
2.श्रमिकों की जबरन आईडी ब्लॉक करना तुरंत बंद किया जाए। यदि कंपनी किसी पेशेवर की आईडी ब्लॉक करना चाहती है, तो उसे 30 दिनों की नोटिस देना होगा, नोटिस अवधि के बाद ऐसा कर सकती है ।
आईडी को ब्लॉक करने की समीक्षा के लिए एक तंत्र स्थापित किया जाना चाहिए। जिस पेशेवर की आईडी ब्लॉक करने की जा रही है, उसे कंपनी के साथ अपना पक्ष रखने की सुविधा दी जानी चाहिए। इस तरह के विवाद को निष्पक्ष और शीघ्र तरीके से हल किया जाना चाहिए।
3. ग्राहक रेटिंग प्रणाली को इस तरह से बदला जाना चाहिए कि विभिन्न ग्राहकों द्वारा दी गई सभी रेटिंगों का औसत लेकर पेशेवर की रेटिंग प्रतिबिंबित हो सके। किसी एक ग्राहक द्वारा प्रतिकूल रेटिंग से सकारात्मक रेटिंग के मुकाबले पेशेवर की समग्र रेटिंग पर असंगत प्रभाव नहीं पड़ना चाहिए।
4. ग्राहकों द्वारा दुर्भावनापूर्ण रेटिंग के मुद्दों का निवारण करने के लिए पेशेवरों के लिए एक शिकायत निवारण तंत्र होना चाहिए।
5. रिस्पांस रेटिंग की नीति बंद की जाए। पेशेवरों को लीड स्वीकार करने की स्वतंत्रता दी जानी चाहिए।
6. यदि कोई ग्राहक पेशेवर द्वारा स्वीकार किए जाने के बाद नौकरी रद्द कर देता है, तो ग्राहक को रद्दीकरण शुल्क का कम से कम 50% भुगतान करना होगा जिसे संबंधित पेशेवर के पक्ष में जमा किया जाना चाहिए, भले ही पेशेवर ग्राहक के स्थान स्थान पर पहुंच गया हो या नहीं ! ऐसे मामलों में जहां पेशेवर पहले ही ग्राहक के स्थान पर पहुंच चुका है, रद्दीकरण शुल्क का कम से कम 60% संबंधित पेशेवर को देना होगा। जब भी ग्राहक गलत तरीके से रद्दीकरण के लिए पेशेवर को दोषी ठहराते हैं तो पेशेवर के लिए शिकायत निवारण तंत्र स्थापित किया जाना चाहिए। यदि कोई ग्राहक यह टिप्पणी करता है कि पेशेवर ने रद्दीकरण का अनुरोध किया है, तो कंपनी के प्रतिनिधियों को संबंधित पेशेवर से संपर्क करना चाहिए चाहिए और उक्त टिप्पणी की सत्यता को सत्यापित करना चाहिए।
7. केवल कंपनी द्वारा जारी उत्पादों का उपयोग करने की मौजूदा नीति को बरकरार रखा जाना चाहिए, प्रति उत्पाद अधिक संख्या में उपयोग की अनुमति देने के लिए इसे संशोधित किया जाना चाहिए ताकि उत्पाद की बर्बादी को कम किया जा सके और साथ ही इस तरह की बर्बादी के कारण पेशेवर को होने वाले नुकसान को भी कम किया जा सके। इसके अलावा, कंपनी को बाजार में थोक दरों के बराबर कीमतों पर उत्पाद बेचने होंगे।
8. प्रोफेशनल्स द्वारा उपयोग किये जाने वाले उत्पादों को स्कैन करने की नीति को बंद किया जाना चाहिए।
9. पेशेवरों को एक निश्चित अवधि के लिए अपनी आईडी को अक्रिय (OFF) करने का विकल्प दिया जाना चाहिए ताकि ऐसे समय के दौरान उन्हें कोई लीड न सौंपी जा सके। पेशेवरों के विकल्प पर आईडी को पुनः सक्रिय (ON) करने का विकल्प होना चाहिए।
9. पेशेवरों को ऐसे लीड सौंपे जाने चाहिए जो यथासंभव उनके वर्तमान स्थान के करीब हों। बहुत दूर के स्थानों की लीड पेशेवरों को नहीं सौंपी जानी चाहिए।
10. लक्जरी श्रेणी में अपग्रेड करने के लिए पेशेवरों के लिए अनिवार्य प्रशिक्षण को समाप्त किया जाना चाहिए। वैकल्पिक रूप से, यदि ऐसी शर्त लगाई जानी है, तो प्रशिक्षण के लिए उपयोग किए जाने वाले उत्पादों की लागत कंपनी द्वारा वहन की जानी चाहिए और प्रशिक्षण पूरी तरह से निःशुल्क होना चाहिए।
11.कार्य सौंपे जाने के लिए Subscription System (MG Plan) को बंद किया जाना चाहिए क्योंकि साझेदार ( (PARTNER) बनने के लिए पेशेवर पहले ही पर्याप्त धनराशि का भुगतान करते हैं। पेशेवरों से काम पाने के लिए भुगतान कराना गैरकानूनी है।
12. प्रतिदिन हमें कम से कम 3 सेवा की गारंटी दी जानी चाहिए जब सेवा की सबसे अधिक मांग और प्रवाह है।
13. ऑफ-ड्यूटी के दौरान लोकेशन ट्रैकिंग पूरी तरह से अवश्य बंद कर देनी चाहिए। जो पेशेवर ड्यूटी पर ना हो उसका कोई भी ट्रैकिंग नहीं होना चाहिए !
14.पेशेवरों, विशेषकर महिला पेशेवरों, की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एक मजबूत सुरक्षा तंत्र स्थापित किया जाना चाहिए
15. किसी भी बदलाव को लागू करने से पहले पेशेवरों के साथ पूर्व परामर्श अनिवार्य होना चाहिए जो पेशेवरों की काम करने की परिस्थितियों और कंपनी के साथ उनके संबंधों को प्रभावित करेगा।
16. पेशेवरों के लिए भविष्य निधि की एक योजना होनी चाहिए जिसमें कंपनी और पेशेवर बराबर का योगदान देंगे।
17. पेशेवरों और ग्राहकों से एकत्र सुविधा शुल्क का एक हिस्सा पेशेवरों की सामाजिक सुरक्षा, मुख्य रूप से चिकित्सा बीमा के लिए आवंटित किया जाना चाहिए।
18. प्रोफेशनल्स को हर साल त्योहारिक बोनस दिया जाए!
19. पेशेवरों को स्वास्थ्य बीमा प्रदान किया जाना चाहिए।
प्रेषक,
सीमा सिंह
स्टेट कोऑर्डिनेटर
मेहनतकश असोसिएशन
(Mehnatkash Association)
1271E, 48बB, 2nd 60 सड़क फीट के पास, मोलरबंद एक्सटेंशन, बदरपुर, दिल्ली-110044
9899823256